घटना की जानकारी मिलते ही, बिहार के स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर सक्रियता दिखाते हुए लाइव प्रसारण को तेजी से फैलाया। महज आधे घंटे के भीतर, यह दुखद खबर और वीडियो टुनटुन यादव के परिवार तक पहुंच गई, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित हो सकी।
टुनटुन यादव अपने परिवार में अकेले कमाने वाले सदस्य थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और चार बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटियां और एक बेटा शामिल है। उनकी एक बेटी का विवाह हो चुका है। टुनटुन यादव के निधन से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
रविवार की सुबह लगभग 5 बजे टुनटुन यादव घर से निकले थे। परिवार के सदस्यों को उम्मीद थी कि वे अन्य दिनों की तरह वापस लौट आएंगे, लेकिन उन्हें उनके मौत की खबर मिली। टुनटुन यादव अब कभी वापस नहीं आएंगे।
रेलवे पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर पार्थिव शरीर को अपने कब्जे में ले लिया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच भेज दिया है। अब सभी की निगाहें रेलवे पुलिस प्रशासन की जांच पर टिकी हैं, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह घटना हत्या है, आत्महत्या है या फिर रेलवे गुमटी पार करते समय हुई एक दुखद दुर्घटना।
इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि घर से निकलने से पहले टुनटुन यादव का किसी से कोई विवाद नहीं हुआ था और न ही वे किसी तरह के तनाव में थे। हालांकि, सच्चाई क्या है, यह तो अब पुलिस प्रशासन की गहन जांच या फिर स्वयं टुनटुन यादव ही बता सकते थे।
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