प्रशासन की प्रतिक्रिया:
इस मुद्दे पर जिला प्रशासन और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम (BRPNN) के वरीय परियोजना पदाधिकारी ने जानकारी दी है कि करीब 1 अरब रुपये की लागत से प्रस्तावित इस पुल का प्राक्कलन बनाकर सरकार को प्रशासी स्वीकृति हेतु भेजा गया है।
श्याम किशोर ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले इस पुल निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं होती है, तो या तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए या वे आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
जनता की परेशानी:
रतवारा और ढोली के बीच की दूरी को जोड़ने वाला यह पुल न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि स्थानीय व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका बड़ा असर पड़ेगा। वर्षों से यहाँ के लोग इस पुल की मांग कर रहे हैं।
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