खाने की भीषण व्यवस्थापन विफलता
सभा में शामिल लोगों के लिए खाने-पीने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। लोग इधर-उधर पत्ते लेकर भोजन प्राप्त करने के लिए भाग रहे थे। सही व्यवस्थापक नहीं होने के कारण खाने के लिए संघर्ष की स्थिति बनी हुई थी। हर कोई एक-दूसरे के पास जाकर खाना खाने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान कई लोग भूखे रह गए।चोरी की घटनाएं: मंगलसूत्र, जीतिया और हनुमान गायब
सभा के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं आयोजन कमेटी से अपने खोए हुए कीमती सामान की मांग करती नजर आईं। कई महिलाओं ने बताया कि उनका मंगलसूत्र, जीतिया या हनुमान चोरी हो गया। एक महिला ने बताया कि उसने लगभग 25,000 रुपये में खरीदा गया मंगलसूत्र पहना हुआ था, जो किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चुरा लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर उनका मंगलसूत्र नहीं मिला तो उनका पति उन्हें घर में नहीं घुसने देगा।महिलाओं ने आयोजकों से आग्रह किया कि चोरी हुई वस्तुएं उन्हें उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा कई लोग वीडियो रिकॉर्डिंग में भी यह बात दोहराते नजर आए कि आयोजकों की जिम्मेदारी थी कि ऐसी घटनाओं को रोका जाता, खासकर इतने बड़े जनसमूह में।
आयोजकों की जवाबदेही पर सवाल
सभा के दौरान चोरी की घटनाओं की वजह से आयोजकों की जिम्मेदारी पर सवाल उठने लगे। कुछ लोग कहते हैं कि चोरी की घटना स्पष्ट रूप से उनकी लापरवाही का नतीजा है। महिला लोगों ने यह भी कहा कि पहले आयोजित अन्य रैलियों में ऐसी घटनाएं नहीं हुई थीं, जबकि इस बार पूरी व्यवस्था असंगठित थी।सभी लोग जोर देकर कह रहे थे कि यदि चोरी हुई है, तो आयोजकों को भरपाई करनी चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे पिछली बार बाइक चोरी की भरपाई की गई थी। लेकिन इस बार कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जनता की पुकार
सभा में शामिल दर्जनों महिलाएं और पुरुष लगातार अपनी बात उठा रहे थे कि उनके मंगलसूत्र, जीतिया, हनुमान वापस मिलें। उनका कहना था कि चोरी हुई चीजें मिलने तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी यह अपील की कि इसे बड़े स्तर पर उजागर किया जाए ताकि अधिकारियों की नजर इस पर जाए।
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