क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का सबसे पॉपुलर ब्राउज़र Google Chrome अब अपना ताज खो सकता है? जी हां, अब उसकी बादशाहत को सीधी चुनौती देने वाला एक नया ब्राउज़र लॉन्च हो चुका है। यह सिर्फ ब्राउज़र नहीं बल्कि इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका बदलने वाला AI Powered Future Browser है। इसका नाम है Comet Browser।
क्यों Google Chrome अब मजबूरी बन गया है?
पिछले 15 साल से Google Chrome इंटरनेट की दुनिया पर हावी है। लेकिन इसकी कुछ बड़ी कमजोरियां हैं:ज्यादा Ads और Tracking
Privacy को खतरा
पुराना Search + Links मॉडल
Monopoly Mindset
यूज़र्स के पास Chrome इस्तेमाल करने के अलावा कोई और बेहतर विकल्प नहीं था। लेकिन अब कहानी बदल रही है।
Comet Browser क्या है?
Comet Browser को Perplexity AI ने 9 जुलाई 2025 को लॉन्च किया। फिलहाल यह Windows और Mac पर उपलब्ध है और जल्द ही Mobile Version भी आने वाला है। इसकी एंट्री ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में तहलका मचा दिया है।Comet Browser की खास खूबियां
1. AI Assistant Sidebar – किसी भी वेब पेज को तुरंत Summarize, Compare और Action Suggestion देता है।
2. Agentic Task Automation – Gmail के ईमेल पढ़ना और जवाब देना, Google Calendar में मीटिंग शेड्यूल करना, LinkedIn पर कैंडिडेट से कनेक्ट करना – अब सब AI खुद करेगा।
3. Perplexity AI Search – Google की तरह हजारों लिंक्स नहीं, बल्कि सीधे Summarized + Cited Answer।
4. Productivity Platform – यह सिर्फ ब्राउज़र नहीं बल्कि AI-Powered Productivity Hub है।
5. Direct Actions – आप बोलेंगे “यह Product Order कर दो” और Comet Browser तुरंत ऑर्डर कर देगा।
4. Productivity Platform – यह सिर्फ ब्राउज़र नहीं बल्कि AI-Powered Productivity Hub है।
5. Direct Actions – आप बोलेंगे “यह Product Order कर दो” और Comet Browser तुरंत ऑर्डर कर देगा।
बड़ी खबर – Chrome को खरीदने का ऑफ
Comet Browser के CEO अरविंद श्रीनिवास (भारत से) ने Google Chrome को 34.5 अरब डॉलर में खरीदने का प्रपोजल दिया है। यह सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं बल्कि Google की Monopoly को चुनौती देने का ऐतिहासिक कदम है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है बदलाव?
भारत में 82 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स हैं। लेकिन उनका डेटा, सर्च पैटर्न और ऑनलाइन बिहेवियर आज भी Google जैसी विदेशी कंपनी के कंट्रोल में है।WhatsApp और Facebook Data Leak
YouTube Algorithm Bias
Android Monopoly
Perplexity AI का टारगेट है कि अगले एक साल में Comet Browser को 10 मिलियन से 100 मिलियन यूज़र्स तक पहुंचाया जाए। यह Google Chrome के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
YouTube Algorithm Bias
Android Monopoly
ये सब दिखाता है कि Big Tech कंपनियों पर पूरी तरह निर्भर रहना कितना खतरनाक है।
इसीलिए भारत ने 2025 में Indian Web Browser Project की घोषणा की है। इसका कोड नेम फिलहाल Comet Browser से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारत भी इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ सकता है।आगे का रास्ता
Comet Browser की योजना है कि यह मोबाइल कंपनियों से टाई-अप करे ताकि नए मोबाइल्स में Chrome की जगह Comet प्री-इंस्टॉल हो। अगर यह डील हो गई तो करोड़ों यूज़र्स सीधे AI Browsing का अनुभव करेंगे।Perplexity AI का टारगेट है कि अगले एक साल में Comet Browser को 10 मिलियन से 100 मिलियन यूज़र्स तक पहुंचाया जाए। यह Google Chrome के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
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