मोबाइल और इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। काम हो, पढ़ाई हो, बिजनेस हो या मनोरंजन—बिना डाटा पैक और कॉलिंग के जीवन की कल्पना भी मुश्किल है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल रिचार्ज और इंटरनेट पैक का खर्च काफी बढ़ गया है। अब इस दिवाली ग्राहकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
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वर्तमान समय में टेलीकॉम सेवाओं पर 18% जीएसटी (GST) लागू है। टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से इसे घटाकर 5% करने की मांग उठाई गई है। इंडस्ट्री का कहना है कि मोबाइल और इंटरनेट अब कोई लग्जरी नहीं, बल्कि एक बुनियादी जरूरत है। इसके बावजूद इस सेक्टर पर भारी टैक्स का बोझ डाला जा रहा है।
जीएसटी के अलावा टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम यूज़र्स चार्ज (SUC) और लाइसेंस फीस भी चुकानी पड़ती है। ये सभी टैक्स और लेवी अंततः ग्राहकों से वसूले जाते हैं।
ग्राहकों की जेब पर असर
अगर हम इसे आसान भाषा में समझें तो किसी भी मोबाइल रिचार्ज या बिल का लगभग 30% हिस्सा सरकार के पास टैक्स के रूप में चला जाता है।
उदाहरण के तौर पर, ₹500 के रिचार्ज पर करीब ₹150 टैक्स के रूप में सरकार को मिलते हैं।
टेलीकॉम कंपनियां क्यों कर रही हैं गुहार?
उदाहरण के तौर पर, ₹500 के रिचार्ज पर करीब ₹150 टैक्स के रूप में सरकार को मिलते हैं।
टेलीकॉम कंपनियां क्यों कर रही हैं गुहार?
इस वक्त टेलीकॉम कंपनियों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है।
Vodafone Idea पर भारी कर्ज है।
प्राइस वॉर की वजह से कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आई है।
जीएसटी आने से पहले टेलीकॉम सेवाओं पर टैक्स दर 15% थी, लेकिन अब यह बढ़कर 18% हो चुकी है।
यानी कंपनियों का मानना है कि अगर टैक्स दर कम की जाए तो न केवल ग्राहकों को फायदा होगा बल्कि इंडस्ट्री को भी मजबूती मिलेगी।
ग्राहकों और देश को क्या होगा फायदा?
अगर सरकार टेलीकॉम इंडस्ट्री की मांग मान लेती है तो इसके कई बड़े फायदे हो सकते हैं:
मोबाइल और इंटरनेट बिल सीधे घट जाएंगे।
ग्राहकों की संख्या और डेटा खपत दोनों बढ़ेंगी।
ग्रामीण इलाकों में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिलेगा।
कंपनियों की आय (ARPU) में सुधार होगा।
कंपनियां 5G नेटवर्क सुधार पर अधिक निवेश कर पाएंगी।
सरकार की आय पर असर
मोबाइल और इंटरनेट बिल सीधे घट जाएंगे।
ग्राहकों की संख्या और डेटा खपत दोनों बढ़ेंगी।
ग्रामीण इलाकों में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिलेगा।
कंपनियों की आय (ARPU) में सुधार होगा।
कंपनियां 5G नेटवर्क सुधार पर अधिक निवेश कर पाएंगी।
सरकार की आय पर असरविशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दर घटाने से सरकार के रेवेन्यू पर शुरुआती असर जरूर पड़ेगा। लेकिन लंबे समय में इससे डिजिटल इंडिया मिशन को गति मिलेगी। ग्रामीण इलाकों में ई-कॉमर्स और डिजिटल सेवाओं का विस्तार होगा, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा।
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INDIA

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