क्या हुआ था उस दिन?
दिशा कुमारी को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर सकड़ा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर, नर्स और एएनएम ने इलाज के दौरान मनमानी रूप से मोटी रकम की मांग की। पैसा नहीं मिलने पर महिला को तड़पते हुए छोड़ दिया गया। जब हालत गंभीर हो गई, तो उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही दिशा कुमारी की मृत्यु हो गई।आरोपित कौन हैं?
परिवार ने सकड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपितों में डॉक्टर सुदर्शन चक्रवर्ती, नर्स अरुणा कुमारी, चंदा कुमारी, प्रियंका और स्वास्थ्य कर्मी सुमित्रा कुमारी के नाम शामिल हैं। परंतु आज तक प्रशासन से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं और जिम्मेदार कोई सजा नहीं भुगत रहा है।परिवार की आवाज – इंसाफ की मांग
दिशा के भाई संजय पासवान ने बताया:
> “हमने हर स्तर पर आवेदन दिया – मंत्री से लेकर डीएसपी तक। सबने कहा ‘हो जाएगा’, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारी बहन की मौत की जिम्मेदारी डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की है। तीन मासूम बच्चे आज बिना मां के भटक रहे हैं। यह सरकार गरीब और दलित के लिए नहीं। अगर इंसाफ नहीं मिला तो हम रोड जाम करेंगे।”सामाजिक असमानता पर सवाल
परिवार का कहना है कि अगर यह मौत किसी उच्च जाति की महिला की होती तो प्रशासन और सरकार तुरंत कार्रवाई करती। लेकिन दलित महिला के मामले में पूरी सिस्टम खामोश बैठी है। सरकार और प्रशासन की उदासीनता के चलते एक गरीब दलित परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है।
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