सकरा के एक गांव में जमीन और पारिवारिक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें एक वृद्ध महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। बताया जा रहा है कि घटना लगभग 13-14 दिन पुरानी है, लेकिन पीड़ित पक्ष द्वारा आवेदन हाल ही में थाने में दिया गया।
क्या है मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र से लौटे एक दंपती ने गांव पहुंचकर आरोप लगाया कि उनके सास पर जानलेवा हमला हुआ है। पीड़िता उस वक्त अपने खेत में पशुओं की देखभाल कर रही थीं जब गांव के कुछ व्यक्तियों ने कथित रूप से हमला किया। पीड़ित पक्ष का दावा है कि महिला को डंडों और ईंटों से मारा गया और उन्हें घसीटकर सड़क तक लाया गया। इसके बाद घायल महिला को स्थानीय हॉस्पिटल ले जाया गया।
परिवार का कहना है कि वे अब तक इलाज में ₹1.5 लाख से ₹2 लाख खर्च कर चुके हैं और अब उनकी आर्थिक स्थिति जवाब दे रही है। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
आरोप और प्रत्यारोप
इस मामले में जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनका कहना है कि यह आरोप निराधार और झूठा है। उनका दावा है कि जिस दिन घटना हुई, वे एक सामाजिक कार्यक्रम में व्यस्त थे और जब उन्हें झगड़े की सूचना मिली, तो वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल बीच-बचाव करना था, न कि किसी प्रकार की हिंसा।
उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ित महिला पहले से ही बीमार थीं और पैरालिसिस से ग्रसित थीं। उनका कहना है कि गिरने की वजह से चोट आई, न कि जानबूझकर मारा गया।
एक बड़ा खुलासा यह हुआ कि आरोपित पक्ष ने दावा किया है कि उनसे ₹1.5 लाख से ₹2 लाख रुपये की मांग की जा रही थी ताकि केस को मैनेज किया जा सके। उनका कहना है कि वे निर्दोष हैं और अगर वे दोषी नहीं हैं तो पैसे क्यों दें।
ग्रामीणों के बीच तनाव
इस घटना के पीछे सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि एक सड़क को लेकर भी विवाद बताया जा रहा है। कुछ लोग इसे लंबे समय से चल रहा ज़मीनी झगड़ा बता रहे हैं जो अब जाकर खुलकर सामने आया है।
प्रशासन से उम्मीद
प्रशासन से उम्मीद
दोनों पक्षों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित पक्ष चाहता है कि दोषियों को सजा मिले और इलाज का खर्च सरकार उठाए। वहीं आरोपित पक्ष चाहता है कि निष्पक्ष जांच हो ताकि उन्हें झूठे मामले में न फंसाया जाए।
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